मोर मितान केंद्र - 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए

जोहार पहुना फाउंडेशन समुदाय और दानदाताओं के सहयोग से छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के सीमा क्षेत्र में स्थित आदिवासी ग्रामों में  शिक्षा कार्यक्रम का संचालन कर रहा है, जिसमें हमारा यह विश्वास है की शिक्षा को बेहतर करने के लिए समाज के समस्त लोगो को आगे आना होगा और शिक्षकों के प्रति एक विश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण रखना होगा l साथ ही सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में परम्परागत ज्ञान के साथ नवाचारों को समाहित करते हुए एक बेहतर शिक्षा प्रदान करना होगा l शिक्षा की असली महत्ता तब है जबी वह उम्र के हिसाब से बच्चों को मिल सके l नई शिक्षा नीति और वैज्ञानिक शोध ने यह पहले ही कहा है कि - 8 वर्ष की उम्र तक 75 प्रतिशत बुद्धि का विकास हो जाता है l और शेष पूरा जीवन पर्यन्त l ऐसे में उन्हें उनके सीखने में सर्वाधिक मदद इसी उम्र में ही देनी होगी l चूँकि यह नींव(बुनियाद) है l

      यह ऐसे गाँव है जहाँ शिक्षा पहुंचना अति आवश्यक है l जहाँ आंगनबाड़ी केंद्र नही है और ना ही नजदीक में शाला ऐसे में आदिवासी बच्चे शिक्षा नाम की व्यवस्था से कोसों दूर है l  इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए हम 3-6 वर्ष के बच्चों के साथ उनके सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में सुधार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए काम कर रहे है l शिक्षा कार्यक्रम में हमारे कार्य इस प्रकार संचालित है –

अब तक 470 बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ा गया l

कार्यक्रम का नाम - मोर मितान केंद्र –

नामांकन – 3 से 6 वर्ष तक के बच्चे l

संचालन- समुदाय एवं वालंटियर के सहयोग से

सहयोग- जोहार पहुना फाउंडेशन छत्तीसगढ़ l

केंद्र संचालन की अवधि- 12 माह( ग्रीष्मकालीन गतिविधि कैंप)

 

शिक्षा कार्यक्रम के उद्देश्य हैं:

उद्देश्य 1:  ग्रामीण क्षेत्रो मे सह-स्थित आंगनबाड़ियों के बच्चों (5 से 6 वर्ष) के लिए सीखने – सिखाने की वर्तमान स्थिति की पहचान करने हेतु “स्थिति आकलन” करना । और समुदाय एवं वालंटियर के सतत सहयोग से - सहायक केंद्र के रूप में बालमित्र का संचालन करना l

 

उद्देश्य 2:  कार्यक्षेत्र के समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों में शिक्षण प्रक्रियाओं में अकादमिक सहयोग प्रदान करने हेतु बालमित्र अकादमिक समन्वयक की न्युक्ति कर कार्यक्रम का क्रियान्वयन करना l

 

उद्देश्य 3: राज्य एवं जिले के सतत सहयोग से, कार्यक्षेत्र में आंगनबाड़ी शिक्षको को सहयोग एवम् सुझाव प्रदान करते हुए, चरणबद्ध तरीके से राज्य भर में बालवाड़ी शिक्षकों को तैयार करने, कक्षा शिक्षण को बेहतर करने ,कक्षा संचालन का प्रदर्शन(डेमो) और प्रतिक्रिया (फीडबैक) प्रदान करते हुए मास्टर ट्रेनर(MT) तैयार करना।

 

उद्देश्य 4:  राज्य के अन्य आंगनबाड़ी केन्द्रों का संवर्धन करने हेतु इस कार्यक्रम का दृढ़तापूर्वक सर्वेक्षण एवम् निगरानी सुनिश्चित करना ।

 

उद्देश्य 5: लैंगिक समावेशिता और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (सीडब्ल्यूएसएन) को शामिल करना । बालवाड़ी के माहौल में बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा एवं समानता सुनिश्चित करने के लिए सामग्री और क्षमता निर्माण करना ।

 

 

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